आज के ज्वलंत समाचारों में एक चेहरा राज ठाकरे का है जो एक निहायत ही घटिया राजनीती पर उतर आया है.परन्तु आखिर क्या वजह है कि राज्य कांग्रेस सरकार और केंद्रीय कांग्रेस सरकार सिर्फ बयानबाज़ी के अलावा कोई कारवाई नहीं कर रही है.
अब सीधा बात कि गहराई में जाने से पता चलता है कि कारवाई न करने का सबसे ज्यादा फायदा किसको है.अगर राज ठाकरे और उसकी पार्टी को समाप्त कर दिया जाता है तो मनसे और शिवसेना का वोटबेंक दोबारा इकठा हो जाता है जिसका सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को झेलना पड़ेगा.
और इतिहास भी यही कहता है कि कांग्रेस वोटबेंक और सत्ता हथियाने के लिए कितना भी नीचे तक गिर सकती है.फिर चाहे कश्मीर मसला हो,पंजाब का मसला हो या फिर आपातकाल की बात हो.
Friday, November 27, 2009
Thursday, November 26, 2009
आपकी दुनिया में एक नया ब्लोगर
नमस्ते जी,
सबसे पहले विचारों को व्यक्त करने और एक सभ्य चिन्तक तबके तक उन विचारों को पहुँचाने के ससक्त माध्यम में एक नए ब्लागर की तरफ से
प्रणाम.
और विनती है की पोस्टों पर अपनी राय अवस्य दें.अगर अच्छा लगे तो होसला आफजाई करें अन्यथा सुझाव दें.
धन्यवाद सहित
रवि दत्त
सबसे पहले विचारों को व्यक्त करने और एक सभ्य चिन्तक तबके तक उन विचारों को पहुँचाने के ससक्त माध्यम में एक नए ब्लागर की तरफ से
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