Friday, November 27, 2009

कांग्रेस का मोहरा राज ठाकरे

आज के ज्वलंत समाचारों में एक चेहरा राज ठाकरे का है जो एक निहायत ही घटिया राजनीती पर उतर आया है.परन्तु आखिर क्या वजह है कि राज्य कांग्रेस सरकार और केंद्रीय कांग्रेस सरकार सिर्फ बयानबाज़ी के अलावा कोई कारवाई नहीं कर रही है.
अब सीधा बात कि गहराई में जाने से पता चलता है कि कारवाई न करने का सबसे ज्यादा फायदा किसको है.अगर राज ठाकरे और उसकी पार्टी को समाप्त कर दिया जाता है तो मनसे और शिवसेना का वोटबेंक दोबारा इकठा हो जाता है जिसका सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को झेलना पड़ेगा.
और इतिहास भी यही कहता है कि कांग्रेस वोटबेंक और सत्ता हथियाने के लिए कितना भी नीचे तक गिर सकती है.फिर चाहे कश्मीर मसला हो,पंजाब का मसला हो या फिर आपातकाल की बात हो.

2 comments:

  1. ब्लागजगत पर आपका स्वागत है. नवयुवाओं को सामाजिक सरोकारों से जुड़ते और देश के लिए चिंतित होते देखकर मन आश्वस्त होता है कि वे पूरी तरह गाफिल नहीं हैं. आप अपनी विचारधारा को मजबूत करें और अपना दृष्टिकोण विकसित करें. क्रांति का अवसर भी जल्द ही आएगा.

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  2. भाई रवि,
    बहुत अच्छा और सामयिक प्रयास किया है आपने. टाइपिंग पर थोड़ा ध्यान दे, जैसे 'अवस्य' की बजाय 'अवश्य' होना चाहिए. दूसरी बात आपके विचार और लेखनी बिलकुल सही हैं. और धारदार ढंग से वार करती है. बस इसकी नियमितता बनाए रखें. पोस्ट चाहे छोटी हो, तो चलेगा लेकिन थोड़ी तथ्यात्मक जानकारी/सूचनाएं भी लेख में डालो तो बेहतर बना पडेगा. आप जैसे जुझारू क्रांतिवीरों के कारण इस देश को कोइ आँख नहीं दिखाएगा. इसी उम्मीद के साथ आपकी कलम को हमारा जय श्री राम.

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